Echo Marvel Show Review:

जादू और जुनून जैसी एमसीयू की माया, फ्रिस्क और डेयरडेविल के नए दांव पेंच की कहानी.

नया साल, नया सुपर हीरो, नई कहानी, नई सी दिखने वाली मार्वल की सिनेमाई दुनिया। केविन फिगी के मार्वल स्टूडियोज से ऐसी नई नई विशिष्टता मार्वल सिने पार्टिसिपेंट्स (एमसीयू) की नजर बड़े बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को हर साल की शुरुआत में मिलती है।

इस साल एमसीयू की एक और फिल्म सुपरहीरो परदे पर है। पहली बार तो नहीं, क्योंकि ये एक्टर दर्शक सबसे पहले ‘हॉकी’ में दिखे थे। न सुन पाना उसकी बेचारी दुनिया को दिखता है, लेकिन जो सुन पाता है, वह किसी और के बूटे की बात नहीं करता। शरीर भी उसका पूरा साथ नहीं

Echo Of The Past.

ये तायशुदा सीरीज ‘इको’ की कहानी ‘डेयरडेविल’ सीरीज के पांच एपिसोड में खलनायक फ्रिस्क से जुड़ी हुई है। एमसीयू के चित्रों के पात्रों की अलग-अलग कहानियाँ उनकी कहानियाँ अतीत, वर्तमान और भविष्य की कल्पनाओं से लेकर मार्वल स्टूडियोज की अधिकांश सफल कल्पनाएँ शामिल नहीं हैं।

फिर भी वेब सीरीज ‘इको’ से, जैसा कि इसके नाम का अर्थ है, प्रतिध्वनि ने ये कहा है कि एमसीयू के कर्ताधर्ता लक्ष्य कुछ साल में बेतरतीब तरीके से फाल्खा रायते को अब जोड़ने की कोशिश में हैं। एनाहिम में ‘डेयरडेविल’ की वापसी का दावा होने के बाद चार्ली कॉक्स के एमसीयू के स्टॉक्स में प्रतियोगिता शुरू हो गई है।

इस सीरीज में वह अपनी सीरीज के सीक्वल का आधार लोकमार्क हैं। मार्वल मैनेजमेंट ने वेब सीरीज ‘इको’ में एक काम और काम किया है और वह ये कि वह अपनी तस्वीरों का प्रस्तुतिकरण ‘डेयरडेविल’ और मार्वल की दूसरी शुरुआती सीरीज के आसपास ले जाने की त्रिकोणीय कोशिशें कर रही है।

 

The illusory world of Maya. माया लोपेज की कहानी यहां उनके अतीत से लेकर वर्तमान के किस्सों को बताती है। अपने पिता के साथ अपना घर-परिवार सब ठीक है न्यूयॉर्क में आ बस उनके बचपन से ही उनके किरदार की शुरुआत नहीं हुई है। माया की कहानी पीछे जाती है।

इतने पीछे कि वहां के किरदार आज की कहानी से मिलते हैं। इसी से पता चलता है कि आखिर वह इतनी ताकतवर और फुर्तीली कैसे है। हाथों के निश्चित भरोसेमंद से की जाने वाली बातचीत की भाषा (साइन लैंग्वेज) उसकी दुनिया से संवाद करने का इकलौता तरीका है और जब वह जंप कम और डायलॉग ज्यादा बजाती है, तो उसका दोस्त कौशल दिखता है।

एक काला सिद्धांत, समुदाय या कहावत है कि संप्रदाय के इतिहास को यह वेब सीरीज माया लोपेज के किरदारों को एमसीयू में स्थापित कर चुकी है, लेकिन अनगिनत किरदारों की पहेलियों में खोते जा रहे एमसीयू अब अपनी हर सीरीज और कहानी से पहले अपने पूरे एमसीयू की एक रीकैप जरूर चलायें।

Echo Marvel Show Review:

जादू और जुनून जैसी एमसीयू की माया, फ्रिस्क और डेयरडेविल के नए दांव पेंच की कहानी.

नया साल, नया सुपर हीरो, नई कहानी, नई सी दिखने वाली मार्वल की सिनेमाई दुनिया। केविन फिगी के मार्वल स्टूडियोज से ऐसी नई नई विशिष्टता मार्वल सिने पार्टिसिपेंट्स (एमसीयू) की नजर बड़े बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को हर साल की शुरुआत में मिलती है।

इस साल एमसीयू की एक और फिल्म सुपरहीरो परदे पर है। पहली बार तो नहीं, क्योंकि ये एक्टर दर्शक सबसे पहले ‘हॉकी’ में दिखे थे। न सुन पाना उसकी बेचारी दुनिया को दिखता है, लेकिन जो सुन पाता है, वह किसी और के बूटे की बात नहीं करता। शरीर भी उसका पूरा साथ नहीं

Echo Of The Past.

 

ये तायशुदा सीरीज ‘इको’ की कहानी ‘डेयरडेविल’ सीरीज के पांच एपिसोड में खलनायक फ्रिस्क से जुड़ी हुई है। एमसीयू के चित्रों के पात्रों की अलग-अलग कहानियाँ उनकी कहानियाँ अतीत, वर्तमान और भविष्य की कल्पनाओं से लेकर मार्वल स्टूडियोज की अधिकांश सफल कल्पनाएँ शामिल नहीं हैं। फिर भी वेब सीरीज ‘इको’ से, जैसा कि इसके नाम का अर्थ है,

प्रतिध्वनि ने ये कहा है कि एमसीयू के कर्ताधर्ता लक्ष्य कुछ साल में बेतरतीब तरीके से फाल्खा रायते को अब जोड़ने की कोशिश में हैं। एनाहिम में ‘डेयरडेविल’ की वापसी का दावा होने के बाद चार्ली कॉक्स के एमसीयू के स्टॉक्स में प्रतियोगिता शुरू हो गई है। इस सीरीज में वह अपनी सीरीज के सीक्वल का आधार लोकमार्क हैं।

मार्वल मैनेजमेंट ने वेब सीरीज ‘इको’ में एक काम और काम किया है और वह ये कि वह अपनी तस्वीरों का प्रस्तुतिकरण ‘डेयरडेविल’ और मार्वल की दूसरी शुरुआती सीरीज के आसपास ले जाने की त्रिकोणीय कोशिशें कर रही है।

 

The illusory world of Maya. माया लोपेज की कहानी यहां उनके अतीत से लेकर वर्तमान के किस्सों को बताती है। अपने पिता के साथ अपना घर-परिवार सब ठीक है न्यूयॉर्क में आ बस उनके बचपन से ही उनके किरदार की शुरुआत नहीं हुई है। माया की कहानी पीछे जाती है। इतने पीछे कि वहां के किरदार आज की कहानी से मिलते हैं। इसी से पता चलता है कि आखिर वह इतनी ताकतवर और फुर्तीली कैसे है।

हाथों के निश्चित भरोसेमंद से की जाने वाली बातचीत की भाषा (साइन लैंग्वेज) उसकी दुनिया से संवाद करने का इकलौता तरीका है और जब वह जंप कम और डायलॉग ज्यादा बजाती है, तो उसका दोस्त कौशल दिखता है। एक काला सिद्धांत, समुदाय या कहावत है कि संप्रदाय के इतिहास को यह वेब सीरीज माया लोपेज के किरदारों को एमसीयू में स्थापित कर चुकी है, लेकिन अनगिनत किरदारों की पहेलियों में खोते जा रहे एमसीयू अब अपनी हर सीरीज और कहानी से पहले अपने पूरे एमसीयू की एक रीकैप जरूर चलायें।

Sydney Freeland’s new direction वेब सीरीज ‘ईको’ को इसकी अलग और असल पहचान दी है

निर्देशक सिडनी फ्रीलैंड ने। इसमें उन्हें अपनी रचयिता मैरियन डायर और उनकी टीम की एमी रार्डिन जैसे लेखकों की खूब मदद मिली है। माया के अतीत को चॉकटाव कबीलों से जोड़ते हुए ये कहानी 13वीं शताब्दी से लेकर 21वीं शताब्दी तक सिर्फ पांच एपिसोड में जिस तरह सफर करती है, वह थोड़ा थका हुआ तो है

लेकिन इस कहानी के नायक दर्शकों को लगातार कहानी से बांधे रखते हैं। इस सीरीज के सिनेमा के स्टूडेंट्स को इस नजरिए से भी देखना चाहिए कि विजुअल और श्रव्य माध्यम में किसी भी किरदार को जब उसमें गुणवत्ता से हीन किया जाता है, तो उसके किरदार को कुछ अलग तरीके से तकनीकी विकास के आधार पर पेश किया जा सकता है। 

The picture is still pending.. माया लोपेज की कहानी जहां फ्रिस्क से जुड़ती है, वहीं एमसीयू का ये सिरा डेयरडेविल तक जाता है। फ्रिस्क के किरदार में विंसेंटो डीनोफ्रियो एमसीयू के शुरुआती खलनायकों में सुनाए जा रहे हैं। उनका भी अपना एक अलग फैनबेस एमसीयू के दर्शकों के बीच आ रहा है। वह शैतानी खलनायक की जगह एक इंसानी खलनायक है और यही बात उसे इस काल्पनिक दुनिया के दूसरे खलनायकों से अलग स्थापित करती है।

विंसेंट का किरदार शानदार तरीके से शुरू हुआ। उनके चेहरे के भावों का दैहिक भाषा के साथ अद्भुत समन्वय बना हुआ है। और, फ्रिस्क के इस किरदार के रूप में ही फ्रीलैंड को मदद मिलती है, माया को एक ऐसे किरदार के रूप में पेश किया जाता है, जो खलनायक नहीं है, इस श्रृंखला में प्रतिनायक के रूप में स्थापित किया गया है।

The charisma of Alequa Cox. माया लोपेज के किरदार में एलेवा कॉक्स का किरदार इस सीरीज़ का सबसे दर्शनीय प्रदर्शन है। जिन दृश्यों में सौ फिजीट राचकर सिडफील्ड इस किरदार को अपने नैसर्गिक रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं, वे इस श्रृंखला की जान हैं। एले क्वावा ने सीरीज की एक्शन फिल्में भी कमाल की दिखाई हैं। अपनी कमियों को अपनी खूबियां छोड़ती हैं जब माया लड़ती है तो उन एक्शन दृश्यों को फिल्मांकन के संदर्भ में बिंदुवार दृश्य सारगर्भित महत्व दिया जाता है।

वेब सीरीज ‘ईको’ को इसकी अलग और असल पहचान दी है निर्देशक सिडनी फ्रीलैंड ने। इसमें उन्हें अपनी रचयिता मैरियन डायर और उनकी टीम की एमी रार्डिन जैसे लेखकों की खूब मदद मिली है।

माया के अतीत को चॉकटाव कबीलों से जोड़ते हुए ये कहानी 13वीं शताब्दी से लेकर 21वीं शताब्दी तक सिर्फ पांच एपिसोड में जिस तरह सफर करती है, वह थोड़ा थका हुआ तो है लेकिन इस कहानी के नायक दर्शकों को लगातार कहानी से बांधे रखते हैं। इस सीरीज के सिनेमा के स्टूडेंट्स को इस नजरिए से भी देखना चाहिए कि विजुअल और श्रव्य माध्यम में किसी भी किरदार को जब उसमें गुणवत्ता से हीन किया जाता है, तो उसके किरदार को कुछ अलग तरीके से तकनीकी विकास के आधार पर पेश किया जा सकता है। 

 

 

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